17 नए रेलवे स्टेशनों को मंजूरी, लिस्ट जारी – जल्द देखें आपका शहर शामिल है या नहीं New Railway Stations List

भारत में रेलवे का विस्तार तेजी से हो रहा है, और इसी कड़ी में इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच 568 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस नई रेल लाइन के माध्यम से धार, खरगोन और बड़वानी जैसे आदिवासी क्षेत्रों को पहली बार रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

इस परियोजना से इंदौर और मुंबई के बीच की दूरी 830 किलोमीटर से घटकर 568 किलोमीटर रह जाएगी। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि यात्रियों और व्यापारियों के लिए सुविधाजनक भी होगा। इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 34 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 17 नए स्टेशन मध्य प्रदेश में होंगे।

17 नए रेलवे स्टेशनों की सूची

इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन पर बनने वाले 17 नए रेलवे स्टेशनों की सूची जारी कर दी गई है। ये स्टेशन निम्नलिखित हैं:

  • महू
  • कैलोद
  • कमदपुर
  • झाड़ी बरोदा
  • सराय तालाब
  • नीमगढ़
  • चिक्त्या बड़
  • ग्यासपुरखेड़ी
  • कोठड़ा
  • जरवाह
  • अजंदी
  • बघाड़ी
  • कुसमारी
  • जुलवानिया
  • सली कलां
  • वनिहार
  • बवादड़

परियोजना का ओवरव्यू

परियोजना का विवरणजानकारी
परियोजना का नामइंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन
कुल दूरी568 किलोमीटर
राज्यों की संख्यामध्य प्रदेश और महाराष्ट्र
नए स्टेशन17 (मध्य प्रदेश में)
कुल स्टेशन34
प्रमुख जिलेधार, खरगोन, बड़वानी
अनुमानित लागत₹14,745 करोड़
परियोजना पूरा होने की समय सीमावर्ष 2026

परियोजना के लाभ

इस परियोजना के कई फायदे हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. यात्रा समय में कमी: इंदौर से मुंबई की यात्रा अब अधिक तेज और सुविधाजनक होगी।
  2. आर्थिक विकास: यह रेल लाइन एक इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में काम करेगी, जिससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
  3. सामाजिक कनेक्टिविटी: आदिवासी क्षेत्रों को पहली बार रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
  4. राजस्व वृद्धि: प्रारंभिक वर्षों में लगभग 50 लाख यात्री इस रूट पर सफर करेंगे, जिससे रेलवे को हर साल ₹900 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।
  5. पर्यावरणीय लाभ: रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में अधिक पर्यावरण-अनुकूल है।

रेलवे स्टेशन निर्माण प्रक्रिया

रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है। महू तहसील के 18 गांवों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इन गांवों में खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा आदि शामिल हैं। इसके अलावा, धुले और शिंदखेड़ा जिलों में भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।

परियोजना से जुड़े अन्य तथ्य

  1. इस रेल लाइन पर कुल 16 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलाई जाएंगी।
  2. यह रेल मार्ग धार, खरगोन और बड़वानी जैसे जिलों से होकर गुजरेगा।
  3. परियोजना पूरी होने पर लगभग 30 लाख लोग सीधे तौर पर रेलवे सेवाओं से जुड़ेंगे।

चुनौतियां और समाधान

इस परियोजना में कई चुनौतियां भी हैं, जैसे:

  1. जमीन अधिग्रहण: ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती है।
  2. पर्यावरणीय मुद्दे: निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है।
  3. वित्तीय प्रबंधन: इतनी बड़ी परियोजना के लिए फंडिंग सुनिश्चित करना आवश्यक है।

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार ने विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की है और बजट में पर्याप्त राशि आवंटित की गई है।

निष्कर्ष

इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना भारत के रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी।

Disclaimer:

यह जानकारी सरकारी घोषणाओं और योजनाओं पर आधारित है। यदि आप इस योजना या प्रोजेक्ट से संबंधित किसी विशेष जानकारी की पुष्टि करना चाहते हैं तो आधिकारिक स्रोतों या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

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