Petrol Diesel Price Hike: सरकार ने चुपचाप बढ़ाया पेट्रोल डीज़ल का Excise Duty, जानिए क्यों नहीं बदले Retail Prices

भारत सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, इस बढ़ोतरी का खुदरा कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि तेल कंपनियां अतिरिक्त लागत को खुद वहन करेंगी।

यह कदम सरकार के राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें इसके कारण, प्रभाव और अन्य संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है।एक्साइज ड्यूटी एक प्रकार का कर है जो सरकार द्वारा उत्पादित वस्तुओं पर लगाया जाता है। पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों पर यह कर लगाया जाता है ताकि सरकार को राजस्व प्राप्त हो सके।

Petrol Diesel Price Hike

पैरामीटरविवरण
एक्साइज ड्यूटी वृद्धि₹2 प्रति लीटर
पेट्रोल की नई एक्साइज दर₹13 से ₹15 प्रति लीटर
डीजल की नई एक्साइज दर₹10 से ₹12 प्रति लीटर
लागू होने की तिथि8 अप्रैल 2025
खुदरा कीमतेंकोई बदलाव नहीं
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत₹94.77 प्रति लीटर
दिल्ली में डीजल की कीमत₹87.67 प्रति लीटर

हालिया बदलाव

  • पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹13 प्रति लीटर से बढ़ाकर ₹15 प्रति लीटर कर दी गई है।
  • डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ₹10 प्रति लीटर से बढ़ाकर ₹12 प्रति लीटर कर दी गई है।
  • यह बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ।

खुदरा कीमतों पर असर

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बढ़ोतरी का खुदरा कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि तेल कंपनियां इसे समायोजित करेंगी। वर्तमान में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹87.67 प्रति लीटर बनी हुई है।

इस फैसले के कारण

  1. राजस्व वृद्धि: सरकार ने अपने वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई।
  2. कच्चे तेल की गिरती कीमतें: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने के कारण तेल कंपनियों को लागत कम हो रही थी, जिससे खुदरा मार्जिन बढ़ा।
  3. महंगाई नियंत्रण: सरकार ने सुनिश्चित किया कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और खुदरा कीमतें स्थिर रहें।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

  • खुदरा कीमत स्थिर: पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहने से आम जनता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
  • परिवहन लागत: परिवहन लागत में वृद्धि नहीं होगी, जिससे वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहेंगी।
  • तेल कंपनियों का मुनाफा: तेल कंपनियों को अपने मुनाफे का एक हिस्सा त्यागना पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव

  • ब्रेंट क्रूड: $63.15 प्रति बैरल
  • वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI): $59.57 प्रति बैरल

इससे भारत को आयात लागत कम करने में मदद मिली, जो देश के लिए लाभकारी साबित हुआ।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का निर्णय एक संतुलित कदम है। यह न केवल राजस्व को बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने का प्रयास भी करता है। हालांकि, तेल कंपनियों को अपनी लागत समायोजित करनी होगी, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।

Disclaimer: यह लेख वास्तविक तथ्यों और आधिकारिक घोषणाओं के आधार पर लिखा गया है। एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि वास्तविक है और इसका खुदरा कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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