भूलकर भी मत करना ऐसी 6 ट्रांजैक्शन, FD कराने पर भी आ जाएगा Income Tax Notice

आजकल के डिजिटल युग में सरकार आपकी हर बड़ी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर नजर रखती है। Income Tax Department की निगरानी बहुत तेज हो गई है, खासकर जब बात आती है High Value Transactions की।

कई बार लोग FD (Fixed Deposit) में पैसा जमा करते हैं या बैंक में बड़ी रकम ट्रांसफर करते हैं, लेकिन अगर ये ट्रांजैक्शन सही तरीके से डिक्लेयर नहीं की गईं, तो Income Tax Notice आ सकता है। FD कराने के बाद भी अगर आपने कुछ जरूरी बातें नहीं मानीं, तो Income Tax Department आपको नोटिस भेज सकता है।

कई बार लोग सोचते हैं कि FD में पैसा डालने से टैक्स नहीं लगेगा या बैंक खुद ही TDS काट लेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। Income Tax Department को हर साल बैंक, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार जैसी संस्थाएं आपकी बड़ी ट्रांजैक्शन की जानकारी देती हैं।

अगर आपकी declared income और actual transactions में फर्क है, तो Income Tax Department तुरंत नोटिस भेज सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप हर बड़ी ट्रांजैक्शन को सही से declare करें और Income Tax Return (ITR) में सही जानकारी दें।

What are the 6 Transactions that can Trigger Income Tax Notice?

जानकारीविवरण
आर्टिकल का विषय6 ऐसी ट्रांजैक्शन जिनसे Income Tax Notice आ सकता है
मुख्य खतराबड़ी ट्रांजैक्शन का सही से डिक्लेयर न करना
ट्रांजैक्शन के उदाहरणFD, प्रॉपर्टी खरीद, कैश डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड बिल, इन्वेस्टमेंट
रिपोर्टिंग सिस्टमAnnual Information Statement (AIS), Statement of Financial Transactions (SFT)
किन्हें ध्यान देना चाहिएSalaried, Businessmen, Investors, Freelancers
ट्रांजैक्शन लिमिटFD में 10 लाख, सेविंग अकाउंट में 10 लाख, प्रॉपर्टी में 30 लाख, क्रेडिट कार्ड बिल में 1 लाख (कैश), 10 लाख (नॉन-कैश)
बचाव के तरीकेसही दस्तावेज रखें, ITR सही भरें, बड़ी ट्रांजैक्शन का सोर्स बताएं
नोटिस आने पर क्या करेंसही जवाब दें, सभी डॉक्युमेंट्स तैयार रखें

1. बड़ी नकद जमा (High Value Cash Deposit)

अगर आपने अपने बैंक अकाउंट में एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा किया है, तो Income Tax Department की नजर आप पर जरूर जाएगी। चाहे आप ये रकम एक बार में जमा करें या कई बार में, अगर कुल रकम 10 लाख रुपये से ज्यादा है, तो बैंक इसकी जानकारी Income Tax Department को देगा। अगर आपने इसका सही सोर्स नहीं बताया या ITR में डिक्लेयर नहीं किया, तो आपको Income Tax Notice आ सकता है।

क्या करें:

  • हमेशा बड़ी कैश डिपॉजिट का सोर्स रखें।
  • ITR में सही जानकारी दें।
  • अगर रकम गिफ्ट, बिजनेस या किसी और सोर्स से आई है, तो उसका प्रूफ रखें।

2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में बड़ी रकम जमा करना

अगर आपने एक फाइनेंशियल ईयर में FD में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की रकम जमा की है, तो बैंक इसकी जानकारी Income Tax Department को देगा। FD से मिलने वाला ब्याज taxable होता है और इसे “Income from Other Sources” में दिखाना जरूरी है। अगर आपकी FD से मिलने वाली ब्याज इनकम 40,000 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 50,000 रुपये) से ज्यादा है, तो बैंक TDS काटेगा। लेकिन अगर आपने FD की रकम का सोर्स नहीं बताया या ब्याज इनकम ITR में नहीं दिखाई, तो Income Tax Notice आ सकता है।

जरूरी बातें:

  • FD Interest पर टैक्स लगता है, चाहे आपने TDS कटवाया हो या नहीं।
  • FD ब्याज इनकम को ITR में जरूर दिखाएं।
  • FD के लिए पैसा कहां से आया, उसका प्रूफ रखें।

3. प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना (Property Transactions)

अगर आपने एक साल में 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है, तो इसकी जानकारी भी Income Tax Department को मिलती है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार हर बड़ी डील की डिटेल्स सरकार को भेजता है। अगर आपने प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री का सोर्स या कैपिटल गेन ITR में नहीं दिखाया, तो नोटिस आ सकता है।

ध्यान दें:

  • प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री का सोर्स और पेमेंट मोड (कैश/चेक) साफ रखें।
  • रजिस्ट्री डॉक्युमेंट और पेमेंट रसीद संभालकर रखें।
  • कैपिटल गेन की सही जानकारी ITR में दें।

4. क्रेडिट कार्ड बिल का बड़ा पेमेंट (High Credit Card Bill Payment)

अगर आपने एक साल में अपने क्रेडिट कार्ड का 1 लाख रुपये से ज्यादा का बिल कैश में या 10 लाख रुपये से ज्यादा का बिल नॉन-कैश मोड (जैसे नेट बैंकिंग, चेक) से चुकाया है, तो बैंक इसकी जानकारी Income Tax Department को देगा। अगर आपकी declared income के हिसाब से ये खर्च ज्यादा है, तो नोटिस आ सकता है।

सावधानी:

  • क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट हमेशा अपने declared income के हिसाब से करें।
  • बिल पेमेंट का सोर्स (salary, business income, saving) क्लियर रखें।
  • अगर कोई बड़ा खर्च किया है, तो उसका प्रूफ रखें।

5. म्यूचुअल फंड, शेयर या बॉन्ड में बड़ा इन्वेस्टमेंट

अगर आपने एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा का इन्वेस्टमेंट म्यूचुअल फंड, शेयर या बॉन्ड में किया है, तो कंपनी या म्यूचुअल फंड हाउस इसकी जानकारी Income Tax Department को देगा। अगर आपकी declared income के हिसाब से ये इन्वेस्टमेंट ज्यादा है, तो आपको नोटिस आ सकता है।

क्या करें:

  • इन्वेस्टमेंट का सोर्स क्लियर रखें।
  • इन्वेस्टमेंट से होने वाली इनकम (dividend, capital gain) ITR में जरूर दिखाएं।
  • सारे इन्वेस्टमेंट डॉक्युमेंट संभालकर रखें।

6. बार-बार या संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन

अगर आपके अकाउंट में बार-बार बड़ी रकम जमा या निकासी हो रही है, या आपकी ट्रांजैक्शन declared income से मेल नहीं खा रही है, तो बैंक इसकी जानकारी Income Tax Department को देगा। ऐसी ट्रांजैक्शन suspicious मानी जाती है, और नोटिस आ सकता है।

सुझाव:

  • बैंक ट्रांजैक्शन हमेशा ट्रांसपेरेंट रखें।
  • किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन से बचें।
  • अकाउंट स्टेटमेंट और ट्रांजैक्शन का प्रूफ रखें।

Income Tax Notice आने के मुख्य कारण

  • ITR और बैंक/FD/इन्वेस्टमेंट डिटेल्स में mismatch
  • High Value Transactions का सही से डिक्लेयर न करना
  • FD Interest या Capital Gain को ITR में न दिखाना
  • बड़ी प्रॉपर्टी डील का सोर्स न बताना
  • Cash Deposit या Withdrawal लिमिट से ज्यादा करना

Income Tax Notice से कैसे बचें? (How to Avoid Income Tax Notice)

  • हर बड़ी ट्रांजैक्शन का सोर्स और प्रूफ रखें।
  • FD, प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट, कैश डिपॉजिट – सबकी सही जानकारी ITR में दें।
  • ITR फाइल करते समय बैंक स्टेटमेंट, FD रसीद, इन्वेस्टमेंट डॉक्युमेंट, प्रॉपर्टी पेपर साथ रखें।
  • अगर आपकी इनकम टैक्स लिमिट से कम है, तो FD के लिए Form 15G/15H भरें।
  • PAN कार्ड हर जगह अपडेट रखें।
  • किसी भी ट्रांजैक्शन को छुपाने की गलती न करें।
  • अगर नोटिस आए तो घबराएं नहीं, सही जवाब और डॉक्युमेंट्स दें।

FD और Income Tax Notice: क्या है कनेक्शन?

  • FD Interest taxable है, चाहे TDS कटे या न कटे।
  • बैंक हर साल FD Interest की डिटेल्स Income Tax Department को भेजता है।
  • अगर आपके FD Interest की इनकम 40,000 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 50,000 रुपये) से ज्यादा है, तो TDS कटेगा।
  • अगर आपने FD की रकम का सोर्स या ब्याज इनकम ITR में नहीं दिखाई, तो Income Tax Notice आ सकता है।
  • FD में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की रकम जमा करने पर बैंक इसकी जानकारी Income Tax Department को देता है।

Income Tax Notice आने पर क्या करें?

  • घबराएं नहीं, सबसे पहले नोटिस को ध्यान से पढ़ें।
  • नोटिस में मांगी गई जानकारी और डॉक्युमेंट्स तैयार करें।
  • अगर गलती से कोई इनकम या ट्रांजैक्शन छूट गई है, तो Revised ITR फाइल करें।
  • जरूरत पड़े तो किसी टैक्स एक्सपर्ट या CA से सलाह लें।
  • सही और ट्रांसपेरेंट जवाब दें, कोई भी जानकारी छुपाएं नहीं।

Income Tax Notice से बचने के आसान तरीके

  • हर साल समय पर और सही ITR फाइल करें।
  • FD, प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट, कैश डिपॉजिट – सबकी सही जानकारी दें।
  • बैंक, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार से मिलने वाले सभी डॉक्युमेंट्स संभालकर रखें।
  • PAN और Aadhaar कार्ड हर जगह अपडेट रखें।
  • बड़ी ट्रांजैक्शन का सोर्स और प्रूफ हमेशा तैयार रखें।
  • किसी भी संदिग्ध या अनियमित ट्रांजैक्शन से बचें।

Table: High Value Transaction की लिमिट्स

Transaction TypeLimit (Per Year)रिपोर्टिंग अथॉरिटी
FD में कैश डिपॉजिट10 लाख रुपयेबैंक, को-ऑपरेटिव सोसायटी
सेविंग अकाउंट में कैश डिपॉजिट10 लाख रुपयेबैंक, पोस्ट ऑफिस
करंट अकाउंट में कैश डिपॉजिट50 लाख रुपयेबैंक, को-ऑपरेटिव सोसायटी
प्रॉपर्टी खरीद/बिक्री30 लाख रुपयेप्रॉपर्टी रजिस्ट्रार
म्यूचुअल फंड/शेयर/बॉन्ड इन्वेस्टमेंट10 लाख रुपयेकंपनी, म्यूचुअल फंड हाउस
क्रेडिट कार्ड बिल (कैश)1 लाख रुपयेबैंक
क्रेडिट कार्ड बिल (नॉन-कैश)10 लाख रुपयेबैंक

Income Tax Notice: Myths & Facts

  • Myth: FD कराने से टैक्स नहीं लगेगा।
    Fact: FD Interest taxable है, ITR में दिखाना जरूरी है।
  • Myth: बैंक TDS काट लेता है, तो मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं।
    Fact: TDS कटने के बाद भी पूरी ब्याज इनकम ITR में दिखाना जरूरी है।
  • Myth: छोटी-छोटी ट्रांजैक्शन को डिक्लेयर करने की जरूरत नहीं।
    Fact: अगर कुल रकम लिमिट से ज्यादा हो गई, तो नोटिस आ सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आजकल हर बड़ी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन Income Tax Department की नजर में है। FD, प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट, कैश डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड बिल – इन सभी की लिमिट तय है। अगर आपने इन लिमिट्स को पार किया और सही से डिक्लेयर नहीं किया, तो Income Tax Notice आ सकता है। इसलिए हमेशा ट्रांसपेरेंट रहें, सही ITR फाइल करें और हर बड़ी ट्रांजैक्शन का सोर्स तैयार रखें।

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Disclaimer:
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। Income Tax Department की गाइडलाइंस समय-समय पर बदलती रहती हैं। FD, प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट या किसी भी बड़ी ट्रांजैक्शन से पहले अपने टैक्स एडवाइजर या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह जरूर लें। यहां दी गई जानकारी पूरी तरह सही है, लेकिन किसी भी निर्णय से पहले प्रोफेशनल सलाह लेना बेहतर है। यह कोई स्कीम या ऑफर नहीं है, सिर्फ जागरूकता के लिए लिखा गया है।

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