पेट्रोल और डीजल हमारे देश की अर्थव्यवस्था और आम आदमी की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। हर रोज़ लाखों लोग अपनी गाड़ियों में पेट्रोल या डीजल भरवाते हैं, जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी होती हैं। पेट्रोल-डीजल के दामों में बदलाव सीधा असर आम लोगों की जेब पर डालता है।
यही वजह है कि हर किसी को अपने शहर में पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतों की जानकारी रहना बहुत जरूरी है।भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट, केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स, डीलर कमीशन और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करते हैं।
देश के हर राज्य और शहर में इनकी कीमतें अलग-अलग होती हैं क्योंकि हर राज्य का टैक्स स्ट्रक्चर अलग है। इसके अलावा, पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोज सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को हर दिन ताजा रेट मिल सके।
देश के ज्यादातर शहरों में रेट स्थिर हैं, लेकिन कुछ जगहों पर टैक्स की वजह से मामूली फर्क जरूर देखने को मिलता है। चलिए जानते हैं आज के पेट्रोल और डीजल के दाम क्या हैं, इनके दाम कैसे तय होते हैं, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Petrol & Diesel Rates Today Overview
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 104.21 | 92.15 |
कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
लखनऊ | 94.69 | 87.80 |
जयपुर | 104.72 | 90.21 |
पटना | 105.58 | 93.80 |
बेंगलुरु | 102.92 | 89.02 |
चंडीगढ़ | 94.30 | 82.45 |
अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
पुणे | 104.04 | 90.57 |
पेट्रोल और डीजल के दाम कैसे तय होते हैं?
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत: ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के दाम घटते-बढ़ते रहते हैं, जिससे भारत में भी पेट्रोल-डीजल के रेट बदलते हैं।
- डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट: भारत कच्चा तेल आयात करता है और पेमेंट डॉलर में होता है। अगर रुपया कमजोर होता है तो पेट्रोल-डीजल महंगे हो जाते हैं।
- केंद्र और राज्य सरकार का टैक्स: पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार वैट (VAT) लगाती है। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है, इसलिए हर जगह रेट्स अलग होते हैं।
- डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिकों को भी प्रति लीटर एक तय कमीशन मिलता है।
- ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट: रिफाइनरी से पेट्रोल पंप तक तेल पहुंचाने की लागत भी कीमत में जुड़ती है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फर्क क्यों?
- राज्यवार टैक्स: हर राज्य में वैट और अन्य टैक्स अलग-अलग हैं।
- ट्रांसपोर्ट लागत: रिफाइनरी से दूर शहरों में ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट ज्यादा होती है।
- लोकल डिमांड और सप्लाई: जहां मांग ज्यादा है या पेट्रोल पंप कम हैं, वहां कीमतें ऊंची हो सकती हैं।
- डीलर कमीशन में फर्क: अलग-अलग शहरों में ऑपरेशनल कॉस्ट के अनुसार डीलर कमीशन अलग हो सकता है।
पेट्रोल-डीजल के रेट्स जानने के तरीके
- SMS से: इंडियन ऑयल के ग्राहक RSP <स्पेस> शहर का कोड लिखकर 9224992249 पर SMS भेज सकते हैं।
- BPCL ग्राहक: RSP <स्पेस> शहर का कोड 9223112222 पर भेजें।
- HPCL ग्राहक: HPPRICE <स्पेस> शहर का कोड 9222201122 पर भेजें।
- मोबाइल ऐप और वेबसाइट: पेट्रोल पंप कंपनियों की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से भी ताजा रेट्स देख सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में टैक्स का रोल
- पेट्रोल की कीमत में करीब 55% हिस्सा टैक्स का होता है।
- केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं।
- कुछ राज्यों में अतिरिक्त सेस या लोकल टैक्स भी लगता है।
- पेट्रोल-डीजल अभी GST के दायरे में नहीं हैं, इसलिए टैक्स स्ट्रक्चर जटिल है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव कब होता है?
- हर रोज़ सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के रेट अपडेट होते हैं।
- तेल कंपनियां इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से दाम तय करती हैं।
- किसी भी बदलाव की स्थिति में तुरंत संशोधित रेट जारी किए जाते हैं।
भारत में सबसे सस्ता और सबसे महंगा पेट्रोल कहां मिलता है?
- सबसे सस्ता पेट्रोल: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मिलता है।
- सबसे महंगा पेट्रोल: आमतौर पर मुंबई, जयपुर, पटना जैसे शहरों में टैक्स ज्यादा होने के कारण रेट ऊंचे रहते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर डालने वाले मुख्य फैक्टर्स
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत
- डॉलर-रुपया का भाव
- केंद्र और राज्य का टैक्स
- डीलर कमीशन
- ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट
- लोकल डिमांड
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का आम आदमी पर असर
- ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ने से रोजमर्रा की चीजें महंगी हो जाती हैं।
- महंगाई पर सीधा असर पड़ता है।
- ट्रक, बस, टैक्सी, ऑटो आदि के किराए बढ़ सकते हैं।
- किसानों के लिए ट्रैक्टर, पंप आदि चलाना महंगा हो जाता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पारदर्शिता
- हर दिन रेट्स अपडेट होते हैं जिससे उपभोक्ता को सही जानकारी मिलती है।
- SMS, वेबसाइट, ऐप के जरिए रियल टाइम अपडेट मिलते हैं।
- तेल कंपनियां पारदर्शी तरीके से रेट्स जारी करती हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का भविष्य
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें, डॉलर-रुपया रेट, टैक्स पॉलिसी आदि फैक्टर्स पर निर्भर करेगा।
- अगर पेट्रोल-डीजल को GST में लाया गया तो पूरे देश में एक रेट हो सकता है।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बढ़ते चलन से पेट्रोल-डीजल की डिमांड पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर भारतीय के जीवन में अहम भूमिका निभाती हैं। इनके दाम रोज बदलते हैं और कई फैक्टर्स पर निर्भर करते हैं, जैसे कच्चे तेल की कीमत, टैक्स, ट्रांसपोर्टेशन लागत आदि। हर राज्य में टैक्स स्ट्रक्चर अलग होने की वजह से रेट्स में फर्क रहता है।
सरकारें समय-समय पर टैक्स कम या ज्यादा करके कीमतों को कंट्रोल करती हैं। उपभोक्ता को हमेशा ताजा रेट्स की जानकारी रखनी चाहिए ताकि वे अपने खर्च की सही प्लानिंग कर सकें।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पेट्रोल और डीजल के रेट्स हर दिन बदलते हैं और ऊपर दिए गए दाम 30 अप्रैल 2025 के हैं। किसी भी तकनीकी या मानवीय गलती की संभावना हो सकती है।
रेट्स की पुष्टि के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट, मोबाइल ऐप या SMS सेवा का इस्तेमाल करें। पेट्रोल-डीजल की कीमतें रियल और अपडेटेड हैं, लेकिन समय-समय पर इनमें बदलाव संभव है। कृपया अपने शहर के ताजा रेट्स जानने के लिए अधिकृत स्रोतों की मदद लें।