जमीन से जुड़ा नया नियम लागू! तहसील और पटवारी के बिना होगी रजिस्ट्री? जानें नया तरीका

आज के समय में जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े कामों में पारदर्शिता और तेज़ी लाना बहुत जरूरी हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब रजिस्ट्री (Land Registry) और नामांतरण (Mutation) की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और आसान बना दिया गया है।

पहले लोगों को पटवारी और तहसीलदार के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। लेकिन अब सरकार की नई व्यवस्था के तहत इन अफसरों की भूमिका कम हो गई है और ज़्यादातर काम सीधे District Registrar और Sub-Registrar के स्तर पर हो जाएगा।

इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा आम नागरिकों को मिलेगा। अब जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण के लिए लंबी-लंबी फाइलिंग, गवाहों की जरूरत, बार-बार ऑफिस के चक्कर और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। नई प्रक्रिया में आधार कार्ड से लिंकिंग, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, डिजिटल दस्तावेज़ और ऑनलाइन फीस भुगतान जैसे कई डिजिटल फीचर्स जोड़े गए हैं। इससे न सिर्फ प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि फर्जीवाड़ा और विवाद भी कम होंगे।

Land Registry and Mutation New Process in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ सरकार ने रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब District Registrar या Sub-Registrar ही रजिस्ट्री के साथ-साथ नामांतरण (mutation) की प्रक्रिया पूरी करेंगे। पहले तहसीलदार और पटवारी की भूमिका बहुत अहम थी, लेकिन अब ये जिम्मेदारी सीधे रजिस्ट्री ऑफिस को दे दी गई है।

योजना का संक्षिप्त अवलोकन (Overview Table)

बिंदुविवरण
योजना का नामरजिस्ट्री और नामांतरण नई प्रक्रिया (Chhattisgarh)
लागू तिथि1 जनवरी 2025 से
मुख्य बदलावतहसीलदार/पटवारी की भूमिका कम, District Registrar को अधिकार
आधार लिंकिंगअनिवार्य
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशनजरूरी
ऑनलाइन आवेदनउपलब्ध
डिजिटल दस्तावेजरजिस्ट्री और नामांतरण दोनों के लिए
फीस भुगतानऑनलाइन (UPI, कार्ड, नेट बैंकिंग)
गवाहों की जरूरतनहीं, सिर्फ आधार आधारित वेरिफिकेशन
ऑटो म्यूटेशनरजिस्ट्री के साथ नामांतरण अपने आप

रजिस्ट्री (Land Registry) की नई प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ में अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है। पहले जहां आपको रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दस्तावेज जमा करने पड़ते थे, अब आप घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

  • ऑनलाइन आवेदन: सरकारी पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
  • दस्तावेज अपलोड: सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  • फीस भुगतान: रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से जमा करें।
  • बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: आधार कार्ड से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है।
  • डिजिटल सिग्नेचर: District Registrar द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किया जाएगा।
  • डिजिटल दस्तावेज: रजिस्ट्री पूरी होने के बाद डिजिटल प्रमाण पत्र मिलेगा।

नामांतरण (Mutation) की नई प्रक्रिया

पहले नामांतरण के लिए पटवारी और तहसीलदार के पास जाना पड़ता था। अब रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण (mutation) अपने आप हो जाएगा, जिसे ऑटो म्यूटेशन (Auto-Mutation) कहते हैं।

  • रजिस्ट्री के बाद तुरंत नामांतरण: अब रजिस्ट्री पूरी होते ही नए मालिक का नाम राजस्व रिकॉर्ड में अपडेट हो जाएगा।
  • पटवारी और तहसीलदार की भूमिका सीमित: अब इन अफसरों के पास फाइल नहीं जाएगी, जिससे देरी और भ्रष्टाचार दोनों कम होंगे।
  • डिजिटल रिकॉर्ड: सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

मुख्य बदलाव और फायदे (Key Features & Benefits)

  • आधार लिंकिंग: खरीदार और विक्रेता दोनों का आधार कार्ड लिंक होगा, जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।
  • बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: सिर्फ बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से ही रजिस्ट्री और नामांतरण होगा, गवाहों की जरूरत नहीं।
  • ऑनलाइन फीस भुगतान: अब नकद लेन-देन की जरूरत नहीं, सब कुछ डिजिटल।
  • डिजिटल दस्तावेज: हर प्रक्रिया के बाद तुरंत डिजिटल प्रमाण पत्र मिलेगा।
  • ऑटो म्यूटेशन: रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण अपने आप हो जाएगा।
  • घर बैठे रजिस्ट्री: बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा।
  • डिजिटल एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट: प्रॉपर्टी पर कोई लोन या विवाद है या नहीं, इसकी जानकारी एक क्लिक में।
  • ऑनलाइन सर्च: अब आप खसरा नंबर डालकर अपनी प्रॉपर्टी के दस्तावेज ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकते हैं।

पटवारी और तहसीलदार की भूमिका में बदलाव

पहले पटवारी और तहसीलदार का रोल बहुत बड़ा था। पटवारी जमीन की नाप-जोख, रिकॉर्ड मेंटेन करना, और नामांतरण की रिपोर्ट बनाता था। तहसीलदार उस रिपोर्ट को वेरीफाई करता था और फाइनल एंट्री करता था।

अब नई व्यवस्था में:

  • पटवारी: सिर्फ रिकॉर्ड मेंटेन करेगा, नामांतरण की प्रक्रिया में उसकी भूमिका नहीं होगी।
  • तहसीलदार: अब नामांतरण की मंजूरी देने की जरूरत नहीं, ये काम District Registrar के स्तर पर ही हो जाएगा।
  • डुप्लिकेट वर्क खत्म: पहले एक ही काम दो बार होता था, अब सब कुछ एक जगह और एक बार में होगा।

रजिस्ट्री और नामांतरण की डिजिटल प्रक्रिया (Step-by-Step Guide)

  1. ऑनलाइन आवेदन: सरकारी पोर्टल पर जाएं, आवेदन फॉर्म भरें।
  2. दस्तावेज अपलोड: सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  3. फीस भुगतान: ऑनलाइन पेमेंट करें।
  4. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: आधार कार्ड से वेरिफिकेशन कराएं।
  5. डिजिटल सिग्नेचर: District Registrar या Sub-Registrar द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर।
  6. डिजिटल प्रमाण पत्र: रजिस्ट्री और नामांतरण दोनों के डिजिटल प्रमाण पत्र तुरंत मिलेंगे।
  7. ऑनलाइन रिकॉर्ड: सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे।

नई प्रक्रिया के 10 बड़े फायदे (10 Key Benefits)

  • प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त।
  • गवाहों की जरूरत खत्म।
  • फर्जीवाड़ा और विवाद की संभावना कम।
  • बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर बैठे सुविधा।
  • नकद लेन-देन खत्म, सब कुछ डिजिटल।
  • सभी दस्तावेज तुरंत ऑनलाइन उपलब्ध।
  • नामांतरण के लिए अलग से आवेदन या चक्कर नहीं।
  • ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड की सुविधा।
  • डिजिटल एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट एक क्लिक में।
  • सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या अब पटवारी के पास जाना जरूरी है?
नहीं, अब रजिस्ट्री और नामांतरण दोनों District Registrar या Sub-Registrar के स्तर पर ही पूरे हो जाएंगे।

Q2. गवाहों की जरूरत है?
नहीं, सिर्फ आधार आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से ही काम हो जाएगा।

Q3. फीस कैसे जमा करें?
फीस UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से जमा की जा सकती है।

Q4. नामांतरण के लिए अलग से आवेदन करना पड़ेगा?
नहीं, रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण अपने आप हो जाएगा।

Q5. क्या सभी दस्तावेज ऑनलाइन मिलेंगे?
हाँ, सभी दस्तावेज और प्रमाण पत्र डिजिटल रूप में मिलेंगे और आप इन्हें कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

छत्तीसगढ़ सरकार की यह नई व्यवस्था जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े कामों को आसान, तेज़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। अब आम नागरिकों को पटवारी और तहसीलदार के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, जिससे समय और पैसा दोनों की बचत होगी। डिजिटल प्रक्रिया से फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।

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Disclaimer:

यह लेख छत्तीसगढ़ सरकार की हाल ही में लागू की गई रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया के आधिकारिक बदलावों पर आधारित है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से असली और लागू है, और इसका उद्देश्य आम लोगों को लाभ पहुंचाना है। फिर भी, किसी भी कानूनी या तकनीकी जानकारी के लिए हमेशा सरकारी पोर्टल या संबंधित विभाग से पुष्टि जरूर करें।

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