भारत में बैंकिंग सेक्टर लगातार बदल रहा है, जिससे ग्राहकों को समय-समय पर नए नियमों और शर्तों का सामना करना पड़ता है। 1 मई 2025 से, सभी बैंक ग्राहकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों का सीधा असर आपके बैंक खाते, एटीएम लेन-देन और न्यूनतम बैलेंस जैसी सुविधाओं पर पड़ेगा।
इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल फ्रेंडली बनाना है। हालांकि, इन बदलावों के कारण ग्राहकों को अपनी बैंकिंग आदतों में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे, ताकि वे अनावश्यक शुल्क और परेशानियों से बच सकें।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 1 मई 2025 से लागू होने वाले बैंकिंग के तीन बड़े नियम कौन-कौन से हैं, उनका आपके वित्तीय जीवन पर क्या असर होगा, और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
बैंकिंग के नए नियम 1 मई 2025 से – मुख्य जानकारी
1 मई 2025 से लागू होने वाले तीन मुख्य बैंकिंग नियम निम्नलिखित हैं:
- ATM निकासी शुल्क में बढ़ोतरी
- न्यूनतम बैलेंस लिमिट (Minimum Balance Limit) में बदलाव
- डिजिटल बैंकिंग और अन्य शुल्कों में संशोधन
इन नियमों को समझना हर बैंक ग्राहक के लिए जरूरी है, ताकि वे अपने खाते को सक्रिय और सुरक्षित रख सकें।
बैंकिंग के नए नियमों का सारांश (Table Overview)
| नियम / बदलाव | मुख्य विवरण |
| एटीएम शुल्क (ATM Fee) | फ्री लिमिट के बाद हर निकासी पर ₹23 चार्ज (पहले ₹21 था) |
| फ्री ATM ट्रांजैक्शन | अपने बैंक के ATM से 5 फ्री, अन्य बैंक के ATM से मेट्रो में 3, नॉन-मेट्रो में 5 फ्री |
| न्यूनतम बैलेंस लिमिट | शहरी शाखाओं में ₹5,000, अर्ध-शहरी/ग्रामीण में ₹2,000 |
| न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना | ₹100 से शुरू, खाते के प्रकार के अनुसार बढ़ सकता है |
| डिजिटल अकाउंट के लिए छूट | डिजिटल/स्टूडेंट अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता नहीं |
| गैर-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन शुल्क | बैलेंस इन्क्वायरी आदि पर भी शुल्क में वृद्धि |
| UPI/ऑनलाइन ट्रांजैक्शन | कुछ बैंकों में लिमिट और शुल्क में बदलाव |
| सुरक्षा फीचर्स | पॉजिटिव पे सिस्टम, 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, बायोमेट्रिक लॉगिन |
1. ATM शुल्क में बदलाव (ATM Fee Hike 2025)
ATM से पैसे निकालना अब महंगा
1 मई 2025 से, एटीएम से पैसे निकालना पहले से महंगा हो जाएगा। RBI ने एटीएम शुल्क में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। अब यदि आप अपनी फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार करते हैं, तो हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर आपको ₹23 देने होंगे, जबकि पहले यह ₹21 था।
- फ्री लिमिट:
- अपने बैंक के ATM से हर महीने 5 फ्री ट्रांजैक्शन
- अन्य बैंक के ATM से मेट्रो शहरों में 3 फ्री, नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ट्रांजैक्शन
- फ्री लिमिट के बाद:
- हर अतिरिक्त निकासी पर ₹23 चार्ज
- बैलेंस चेक जैसे गैर-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर भी शुल्क बढ़ाया गया है
किसे होगा सबसे ज्यादा असर?
- जो ग्राहक बार-बार एटीएम से पैसे निकालते हैं, उन्हें सबसे ज्यादा असर होगा।
- छोटे बैंकों के ग्राहक, जिनके पास अपने बैंक के कम ATM हैं, उन्हें अन्य बैंकों के ATM पर अधिक शुल्क देना पड़ेगा।
बचाव कैसे करें?
- कोशिश करें कि महीने में फ्री लिमिट के अंदर ही ATM ट्रांजैक्शन करें।
- डिजिटल पेमेंट, UPI, नेटबैंकिंग जैसी सुविधाओं का अधिक इस्तेमाल करें।
2. न्यूनतम बैलेंस लिमिट में बदलाव (Minimum Balance Limit Rule 2025)
नए नियम क्या हैं?
- शहरी शाखाओं (Urban Branches) के लिए न्यूनतम बैलेंस बढ़ाकर ₹5,000 कर दिया गया है (पहले ₹3,000 था)।
- अर्ध-शहरी (Semi-Urban) और ग्रामीण (Rural) शाखाओं के लिए यह लिमिट ₹2,000 ही रहेगी।
- यदि आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो हर महीने ₹100 से लेकर ₹300 तक का जुर्माना लग सकता है।
| खाता प्रकार | पुरानी MAB (₹) | नई MAB (₹) | जुर्माना (न्यूनतम) |
| शहरी (Urban) | 3,000 | 5,000 | ₹100 – ₹300 |
| अर्ध-शहरी (Semi-Urban) | 2,000 | 2,000 | ₹50 – ₹200 |
| ग्रामीण (Rural) | 2,000 | 2,000 | ₹50 |
| डिजिटल/स्टूडेंट | 0 | 0 | कोई नहीं |
किसे मिलेगी छूट?
- डिजिटल अकाउंट और स्टूडेंट अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता नहीं होगी।
- पेंशनर, वरिष्ठ नागरिक और कुछ विशेष खाताधारकों को भी छूट मिल सकती है (बैंक की नीति अनुसार)।
ग्राहकों के लिए सुझाव
- अपने खाते का बैलेंस नियमित रूप से चेक करते रहें।
- यदि न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना मुश्किल है, तो डिजिटल या बेसिक सेविंग अकाउंट चुनें।
3. डिजिटल बैंकिंग और अन्य शुल्कों में बदलाव (Digital Banking & Other Charges)
डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा
- बैंकों ने डिजिटल बैंकिंग को और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए नए फीचर्स जोड़े हैं।
- 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, बायोमेट्रिक लॉगिन, और पॉजिटिव पे सिस्टम जैसी सुरक्षा सुविधाएं लागू की जा रही हैं।
- UPI और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की लिमिट और शुल्क में भी कुछ बैंकों ने बदलाव किए हैं।
ग्राहकों के लिए क्या बदल जाएगा?
- ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की लिमिट बढ़ सकती है, जिससे बड़े अमाउंट के ट्रांसफर आसान होंगे।
- कुछ बैंकों ने UPI ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट चार्ज या इंटरचेंज शुल्क लागू किया है।
- चेक भुगतान के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य किया गया है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
नए नियमों का असर – फायदे और नुकसान
फायदे:
- बैंकिंग सेवाएं अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होंगी।
- डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा।
- ग्राहकों को अपनी फाइनेंशियल हैल्थ पर नजर रखने का मौका मिलेगा।
नुकसान:
- बार-बार ATM इस्तेमाल करने पर जेब पर असर पड़ेगा।
- न्यूनतम बैलेंस न रखने वालों को हर महीने जुर्माना देना पड़ेगा।
- ग्रामीण और छोटे कस्बों के ग्राहकों के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन में दिक्कत आ सकती है।
ग्राहकों के लिए जरूरी टिप्स
- ATM ट्रांजैक्शन लिमिट का ध्यान रखें – फ्री लिमिट के बाद शुल्क बढ़ जाएगा।
- न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें – अनावश्यक जुर्माने से बचें।
- डिजिटल बैंकिंग का अधिक इस्तेमाल करें – UPI, IMPS, NEFT जैसी सुविधाएं सस्ती और तेज हैं।
- अपने बैंक के नोटिफिकेशन और SMS अलर्ट पढ़ते रहें – किसी भी बदलाव की जानकारी समय पर मिलती रहेगी।
- यदि आप स्टूडेंट या डिजिटल अकाउंट होल्डर हैं, तो MAB छूट का लाभ लें।
नए बैंकिंग नियमों पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. क्या सभी बैंकों में ATM शुल्क बढ़ेगा?
हाँ, RBI के निर्देश अनुसार सभी बैंकों में फ्री लिमिट के बाद प्रति ट्रांजैक्शन शुल्क ₹23 हो जाएगा।
Q2. क्या फ्री ATM ट्रांजैक्शन लिमिट में कोई बदलाव है?
नहीं, फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पहले जैसी ही रहेगी – अपने बैंक के ATM से 5, अन्य बैंक के ATM से मेट्रो में 3 और नॉन-मेट्रो में 5 फ्री ट्रांजैक्शन।
Q3. न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कितना जुर्माना लगेगा?
शहरी शाखाओं में ₹100 से ₹300, अर्ध-शहरी में ₹50 से ₹200, ग्रामीण में ₹50 प्रति माह। जुर्माना बैंक और खाते के प्रकार पर निर्भर करेगा।
Q4. क्या डिजिटल अकाउंट में भी न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी है?
नहीं, डिजिटल और स्टूडेंट अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता नहीं है।
Q5. क्या ये नियम सभी बैंकों पर लागू होंगे?
जी हाँ, ये नियम सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों पर लागू होंगे। कुछ बैंक अपनी सुविधानुसार अतिरिक्त छूट या बदलाव भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
1 मई 2025 से लागू होने वाले बैंकिंग के ये तीन बड़े नियम हर बैंक ग्राहक के लिए महत्वपूर्ण हैं। ATM शुल्क में बढ़ोतरी, न्यूनतम बैलेंस लिमिट में बदलाव और डिजिटल बैंकिंग फीचर्स – ये सभी बदलाव ग्राहकों से अधिक सतर्कता और जागरूकता की मांग करते हैं। यदि आप इन नियमों का ध्यान रखते हैं, तो न केवल आप अनावश्यक शुल्क से बच सकते हैं, बल्कि अपने बैंकिंग अनुभव को भी बेहतर बना सकते हैं।
हमारी सलाह:
- समय-समय पर अपने खाते की जानकारी अपडेट रखें।
- डिजिटल बैंकिंग का अधिकतम लाभ उठाएं।
- फ्री लिमिट के अंदर ही ATM का इस्तेमाल करें।
- न्यूनतम बैलेंस की शर्तें जरूर पूरी करें।
डिस्क्लेमर
यह लेख 1 मई 2025 से लागू होने वाले बैंकिंग नियमों पर आधारित है। सभी जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और बैंकों द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर आधारित है। नियमों में बदलाव बैंक या RBI की नई गाइडलाइंस के अनुसार हो सकते हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक से आधिकारिक पुष्टि जरूर करें। लेख का उद्देश्य केवल सूचना देना है, न कि किसी प्रकार की वित्तीय सलाह देना।

