DPS Dwarka पर फूटा शिक्षा विभाग का गुस्सा! फीस विवाद में भेजा गया नोटिस DPS Dwarka School Fee Row

दिल्ली के बड़े स्कूलों में से एक, दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका (DPS Dwarka) इन दिनों एक बड़े विवाद में घिरा हुआ है। स्कूल की फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन के बीच खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल पर मनमानी फीस वसूली, बच्चों को परेशान करने और शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस विवाद ने अब इतना तूल पकड़ लिया है कि मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंच गया है और शिक्षा विभाग ने भी स्कूल को नोटिस जारी कर दिया है।

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को उठाना पड़ा है, जिनके नाम फीस न देने की वजह से स्कूल की लिस्ट से हटा दिए गए। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल ने न सिर्फ फीस में भारी बढ़ोतरी की, बल्कि बच्चों को क्लास में बैठने से भी मना कर दिया और कई बार उन्हें लाइब्रेरी में बंद करके रखा गया। इतना ही नहीं, स्कूल पर यह भी आरोप है कि उसने बच्चों को स्कूल में घुसने से रोकने के लिए बाउंसर तक तैनात कर दिए। इस विवाद ने शिक्षा व्यवस्था और निजी स्कूलों की मनमानी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

DPS Dwarka School Fee Row : Complete Overview

पॉइंटजानकारी
स्कूल का नामदिल्ली पब्लिक स्कूल, द्वारका (DPS Dwarka)
विवाद की शुरुआत2022-23 सत्र से फीस में लगातार बढ़ोतरी और मनमानी वसूली
मुख्य आरोपफीस बढ़ोतरी, बच्चों को परेशान करना, शिक्षा विभाग के आदेश की अनदेखी
कोर्ट में मामलादिल्ली हाई कोर्ट में 100+ अभिभावकों की याचिका
शिक्षा विभाग का आदेशबच्चों को वापस लेने और फीस वृद्धि पर रोक
स्कूल का जवाबफीस न देने पर नाम काटना, बाउंसर तैनात करना
हाई कोर्ट की टिप्पणीबच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार, स्कूल को फटकार
मौजूदा स्थितिआदेश सुरक्षित, शिक्षा विभाग की सख्ती जारी

DPS Dwarka Fee Structure (2024-25)

क्लासट्यूशन फीस (INR)एनुअल चार्ज (INR)डेवेलपमेंट फीस (INR)
Pre-School – XII91,08021,62010,800

विवाद की शुरुआत और मुख्य वजह

DPS Dwarka में फीस बढ़ोतरी का विवाद पिछले कुछ सालों से चल रहा है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने 2020 से 2025 तक हर साल फीस में 20%, 13%, 9%, 8% और 7% की बढ़ोतरी की। 2022-23 सत्र में शिक्षा विभाग ने स्कूल को आदेश दिया था कि वह बिना मंजूरी के वसूली गई अतिरिक्त फीस लौटाए, लेकिन स्कूल ने इस आदेश की अनदेखी की। 2025-26 सत्र में भी स्कूल ने बिना मंजूरी के फीस बढ़ा दी, जिससे अभिभावकों में नाराजगी और बढ़ गई।

अभिभावकों के आरोप और विरोध

  • स्कूल ने फीस न देने पर बच्चों के नाम स्कूल से हटा दिए।
  • बच्चों को लाइब्रेरी में बंद रखा गया, क्लास में बैठने नहीं दिया गया।
  • बाउंसर तैनात कर बच्चों को स्कूल में घुसने से रोका गया।
  • वॉशरूम जाने तक पर नजर रखी गई, केंटीन में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
  • अभिभावकों को बिना सूचना के बच्चों को बस से घर भेज दिया गया।
  • स्कूल ने शिक्षा विभाग के आदेशों की लगातार अनदेखी की।

शिक्षा विभाग (DoE) और सरकार की कार्रवाई

  • शिक्षा विभाग ने स्कूल को कई बार आदेश दिया कि बिना मंजूरी के फीस न बढ़ाई जाए।
  • 2022-23 सत्र की अतिरिक्त फीस लौटाने का आदेश।
  • मई 2025 में 32 बच्चों को वापस लेने का निर्देश।
  • स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा गया कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
  • दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस निर्धारण में पारदर्शिता लाने के लिए नया बिल पास किया।

Delhi High Court की सुनवाई और टिप्पणी

  • 100 से ज्यादा अभिभावकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
  • कोर्ट ने स्कूल को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता।
  • कोर्ट ने सुझाव दिया कि अभिभावक अस्थायी तौर पर 50% बढ़ी हुई फीस जमा करें, लेकिन अभिभावकों ने असमर्थता जताई।
  • कोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि सभी बच्चों को तुरंत स्कूल में वापस लिया जाए और किसी भी तरह की प्रताड़ना न हो।
  • स्कूल को कोर्ट ने पार्टी बनाते हुए सभी पक्षों की बात सुनी और आदेश सुरक्षित रखा।

DPS Dwarka School Fee Row : Parents की मुख्य मांगें

  • स्कूल की प्रशासनिक जिम्मेदारी सरकार या उपराज्यपाल को सौंपी जाए।
  • बिना मंजूरी के वसूली गई फीस वापस की जाए।
  • बच्चों को किसी भी सूरत में स्कूल से न निकाला जाए।
  • स्कूल में पारदर्शी और न्यायसंगत फीस निर्धारण हो।
  • बच्चों और अभिभावकों के साथ कोई भेदभाव या प्रताड़ना न हो।

स्कूल का पक्ष

  • स्कूल ने फीस न देने पर नाम काटने का नियम DSEAR 1973 के तहत सही ठहराया।
  • अभिभावकों को कई बार SMS, ईमेल और नोटिस भेजने की बात कही।
  • स्कूल ने कहा कि फीस न देने पर 20 दिन बाद नाम काटना नियम के तहत है।
  • स्कूल ने बच्चों को स्कूल भेजने से मना किया और RFID कार्ड भी डिसेबल कर दिए।

DPS Dwarka Fee Hike Row : Panel Report और Inspection

  • जिला मजिस्ट्रेट (DM) की अगुवाई में आठ सदस्यीय कमेटी ने स्कूल का निरीक्षण किया।
  • बच्चों को लाइब्रेरी में बंद रखने, केंटीन और वॉशरूम की सुविधा से वंचित करने की पुष्टि हुई।
  • शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
  • रिपोर्ट में स्कूल पर मुनाफाखोरी, वाणिज्यीकरण और अभिभावकों का शोषण करने के आरोप लगाए गए।

DPS Dwarka School Fee Row : सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने स्कूलों की मनमानी पर सख्त कार्रवाई की बात कही।
  • विपक्ष के नेताओं ने भी DPS Dwarka के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।
  • दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों की ऑडिट और फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने की घोषणा की।

DPS Dwarka Fee Row : बच्चों और अभिभावकों पर असर

  • बच्चों की पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा।
  • परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को क्लास से बाहर रखा गया।
  • अभिभावकों को आर्थिक और मानसिक तनाव झेलना पड़ा।
  • स्कूल में असुरक्षा और डर का माहौल बन गया।

DPS Dwarka School Fee Row : आगे क्या?

  • कोर्ट का अंतिम आदेश आना बाकी है।
  • शिक्षा विभाग ने स्कूल को कड़ी चेतावनी दी है।
  • सरकार ने सभी स्कूलों के लिए पारदर्शी फीस निर्धारण बिल लाने की बात कही है।
  • DPS Dwarka को सभी बच्चों को वापस लेने और किसी भी तरह की प्रताड़ना से बचने का आदेश है।

DPS Dwarka Fee Hike Row : मुख्य बिंदु (Bullet Points)

  • DPS Dwarka ने लगातार पांच साल में फीस में भारी बढ़ोतरी की।
  • शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद स्कूल ने मनमानी जारी रखी।
  • बच्चों को लाइब्रेरी में बंद करना, बाउंसर तैनात करना जैसे आरोप लगे।
  • 100+ अभिभावकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
  • कोर्ट ने स्कूल को बच्चों को वापस लेने और प्रताड़ना से बचने का आदेश दिया।
  • सरकार ने सभी स्कूलों के लिए नया फीस निर्धारण बिल लाने की घोषणा की।
  • स्कूल ने DSEAR 1973 के नियमों का हवाला देकर नाम काटना सही बताया।
  • शिक्षा विभाग और कोर्ट की सख्ती के बाद भी मामला पूरी तरह सुलझा नहीं है।

DPS Dwarka School Fee Row : Parents Protest & Social Impact

DPS Dwarka School Fee Row ने दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस नीति और बच्चों के अधिकारों पर एक नई बहस छेड़ दी है। इस विवाद ने यह दिखाया कि किस तरह स्कूलों की मनमानी से बच्चों और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई, मानसिक स्वास्थ्य और भविष्य पर इसका गहरा असर पड़ा है। अभिभावकों ने एकजुट होकर अपने हक के लिए आवाज उठाई, जिससे सरकार और कोर्ट को भी दखल देना पड़ा।

DPS Dwarka Fee Row : Court Orders & Next Steps

  • कोर्ट ने स्कूल को सभी बच्चों को वापस लेने और किसी भी तरह की प्रताड़ना न करने का आदेश दिया।
  • शिक्षा विभाग ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया और फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने को कहा।
  • सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए पारदर्शी फीस निर्धारण बिल लाने की घोषणा की।
  • DPS Dwarka को कोर्ट और शिक्षा विभाग के आदेश का पालन करना अनिवार्य है।

निष्कर्ष (Conclusion)

DPS Dwarka School Fee Row ने दिल्ली समेत पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस नीति, पारदर्शिता और बच्चों के अधिकारों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस विवाद ने दिखाया कि जब अभिभावक एकजुट होते हैं तो सरकार और कोर्ट को भी दखल देना पड़ता है। शिक्षा विभाग और कोर्ट की सख्ती के बाद उम्मीद है कि बच्चों के साथ अन्याय और मनमानी फीस वसूली पर रोक लगेगी। DPS Dwarka को अब कोर्ट और शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन करना ही होगा, वरना उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई हो सकती है।

Disclaimer:
यह लेख DPS Dwarka School Fee Row और उससे जुड़े विवाद, कोर्ट केस, शिक्षा विभाग के आदेश और अभिभावकों के आरोपों पर आधारित है। यह जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध सार्वजनिक सूचनाओं के आधार पर दी गई है। इस विवाद का अंतिम परिणाम कोर्ट के आदेश और शिक्षा विभाग की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। कृपया किसी भी निर्णय या कार्रवाई से पहले संबंधित विभाग या अधिकृत स्रोत से पुष्टि जरूर करें।

Join Whatsapp