दिल्ली का सबसे बड़ा और व्यस्त रेलवे स्टेशन – नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) – लाखों यात्रियों की रोज़ की ज़रूरत है। लेकिन हाल के दिनों में यह स्टेशन चर्चा में है, वजह है यहां बार-बार हो रही अव्यवस्था, सुरक्षा में सेंध और यात्रियों के साथ खुलेआम लूट-खसोट की घटनाएं। कभी टिकट के नाम पर, कभी खाने-पीने की चीज़ों पर मनमाना दाम वसूलना, तो कभी भीड़ में सामान चोरी होना – ये सब आम हो गया है।
हाल ही में एक बड़ा हादसा भी हुआ, जिससे रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। 2025 की शुरुआत में NDLS पर भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बनी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। इसके अलावा, यात्रियों ने बार-बार शिकायत की है कि स्टेशन परिसर में दुकानदार मनमाने दाम वसूलते हैं, बिल नहीं देते, और विरोध करने पर धमकी देने लगते हैं।
सुरक्षा के नाम पर भी कई जगहों पर लापरवाही देखने को मिलती है – लोग बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर घूमते हैं, पटरियों पर चलते हैं और कोई रोकने-टोकने वाला नहीं दिखता। ऐसे में सवाल उठता है – क्या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सच में ‘लूट की छूट’ है? और जब कांड हो जाता है, तब ही अधिकारी हरकत में क्यों आते हैं?
New Delhi Railway Station New Update
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है, जहां हर दिन करीब 300 ट्रेनें चलती हैं और लगभग चार लाख लोग आते-जाते हैं। इतनी भीड़ में व्यवस्था बनाए रखना अपने आप में चुनौती है, लेकिन हालात तब बिगड़ जाते हैं जब सुरक्षा और प्रशासन में लापरवाही हो जाए।
‘लूट की छूट’ – कहां और कैसे?
- खाने-पीने की चीज़ों पर ओवरचार्जिंग: यात्रियों की शिकायत है कि स्टेशन के स्टॉल्स पर पानी, कोल्ड ड्रिंक, स्नैक्स आदि पर MRP से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं8। कई बार बिल भी नहीं दिया जाता।
- टिकट के नाम पर अव्यवस्था: जनरल टिकट की भारी बिक्री, बिना टिकट यात्रियों की एंट्री और टिकट चेकिंग में ढिलाई के कारण भीड़ बेकाबू हो जाती है।
- सुरक्षा में सेंध: बॉडी स्कैनर, मेटल डिटेक्टर, CCTV जैसी व्यवस्थाएं होने के बावजूद सैकड़ों लोग बिना टिकट या चेकिंग के प्लेटफॉर्म और पटरियों पर घूमते हैं।
- सामान चोरी: भीड़ का फायदा उठाकर जेबकतरे और चोर सक्रिय रहते हैं, जिससे यात्रियों का सामान चोरी हो जाता है।
- दुकानदारों की मनमानी: विरोध करने पर दुकानदार धमकी देने लगते हैं, और अधिकारी तब ही हरकत में आते हैं जब मामला बड़ा हो जाए या मीडिया में आ जाए।
हाल ही की बड़ी घटनाएं
- 15 फरवरी 2025 की भगदड़: NDLS पर महाकुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन की घोषणा के बाद भारी भीड़ जुट गई। प्लेटफॉर्म 13, 14 और 16 पर अचानक भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इसमें 18 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए।
- सुरक्षा में सेंध: एक स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया कि लोग बिना टिकट और बिना चेकिंग के प्लेटफॉर्म और पटरियों पर घूमते हैं, जिससे सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
- ओवरचार्जिंग का मामला: हाल ही में एक यात्री ने बताया कि उसे कोल्ड ड्रिंक और पानी पर MRP से ज्यादा पैसे देने पड़े, और विरोध करने पर दुकानदार ने धमकी दी8।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटनाओं के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने, पुलिस और RPF की तैनाती, CCTV की निगरानी, और टिकट चेकिंग जैसी व्यवस्थाओं को सख्त करने का दावा किया है। लेकिन यात्रियों का कहना है कि ये कदम अक्सर हादसे के बाद ही लिए जाते हैं, और रोजमर्रा की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लूट की छूट
बिंदु | विवरण |
---|---|
स्टेशन का नाम | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) |
रोजाना यात्री | लगभग 4 लाख |
रोजाना ट्रेनें | करीब 300 |
प्रमुख समस्याएं | ओवरचार्जिंग, टिकट अव्यवस्था, सुरक्षा में सेंध, सामान चोरी, दुकानदारों की मनमानी |
हालिया बड़ा हादसा | 15 फरवरी 2025, भगदड़ – 18 मौतें, दर्जनों घायल |
ओवरचार्जिंग के मामले | पानी, कोल्ड ड्रिंक, स्नैक्स पर MRP से ज्यादा पैसे, बिल न देना |
सुरक्षा व्यवस्था | बॉडी स्कैनर, मेटल डिटेक्टर, CCTV, RPF, दिल्ली पुलिस, लेकिन कई जगह लापरवाही |
प्रशासन की प्रतिक्रिया | हादसे के बाद सुरक्षा बढ़ाना, जांच कमेटी बनाना, लेकिन रोजमर्रा की समस्याओं पर कम ध्यान |
यात्रियों की शिकायतें | टिकट के बावजूद ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया गया, सामान चोरी, दुकानदारों की धमकी, अधिकारी नदारद |
सुधार के प्रयास | हादसों के बाद ही सख्ती, होली या त्योहारों पर सुरक्षा बढ़ाना, लेकिन स्थायी समाधान की कमी |
NDLS पर लूट की छूट: मुख्य कारण
1. टिकटिंग और भीड़ प्रबंधन में लापरवाही
- NDLS पर हर घंटे 1500 से ज्यादा जनरल टिकट बिक रहे हैं, जिससे भीड़ बेकाबू हो जाती है।
- बिना टिकट वाले लोग भी आसानी से प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं, क्योंकि एंट्री प्वाइंट्स पर चेकिंग कमजोर है।
- जब अचानक किसी ट्रेन या स्पेशल ट्रेन की घोषणा होती है, तो भीड़ एक साथ कई प्लेटफॉर्म्स पर उमड़ पड़ती है, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है।
2. दुकानदारों की मनमानी और ओवरचार्जिंग
- स्टेशन के स्टॉल्स पर खाने-पीने की चीज़ों पर MRP से ज्यादा पैसे वसूलना आम बात हो गई है8।
- बिल मांगने पर बहाने बनाए जाते हैं या बिल नहीं दिया जाता।
- विरोध करने पर दुकानदार धमकी देने लगते हैं, और अधिकारी तब ही आते हैं जब मामला बड़ा हो जाए।
3. सुरक्षा में सेंध और प्रशासनिक लापरवाही
- मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम होने के बावजूद, लोग बिना टिकट और बिना चेकिंग के प्लेटफॉर्म और पटरियों पर घूमते हैं।
- CCTV, बॉडी स्कैनर, मेटल डिटेक्टर – सब होने के बावजूद सुरक्षा में चूक हो रही है।
- हादसों के बाद ही सुरक्षा बढ़ाई जाती है, रोजमर्रा की निगरानी कमजोर है।
4. सामान चोरी और जेबकतरी
- भीड़ का फायदा उठाकर जेबकतरे और चोर सक्रिय रहते हैं।
- यात्रियों का सामान, मोबाइल, पर्स आदि चोरी हो जाते हैं, और शिकायत के बावजूद कार्रवाई में ढिलाई रहती है।
NDLS पर लूट की छूट: यात्रियों के अनुभव
- तरुण मिश्रा (दिल्ली से लखनऊ): “मैंने प्लेटफॉर्म 11 पर स्टॉल नंबर 12 से लिमका खरीदी। दुकानदार ने 40 की जगह 50 रुपये मांगे। बिल नहीं दिया गया। विरोध करने पर धमकी दी गई। जब अधिकारियों को फोन किया तो वे भागे-भागे आए, लेकिन तब तक दुकानदार हाथ जोड़कर खड़ा हो गया जैसे कुछ हुआ ही न हो।”8
- एक महिला यात्री: “मेरे पास कंफर्म टिकट था, फिर भी ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया गया। भीड़ इतनी थी कि दम घुटने लगा।”
- एक चश्मदीद: “भगदड़ प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर हुई, मेरी मां गिर गईं और लोग उन्हें रौंदते हुए निकल गए।”
प्रशासनिक कदम और सुधार
- सुरक्षा बढ़ाना: हादसों के बाद पुलिस, RPF और CCTV की निगरानी बढ़ाई जाती है।
- टिकट चेकिंग: त्योहारों और भीड़ के समय प्लेटफॉर्म टिकट चेकिंग सख्त की जाती है।
- जांच कमेटी: हादसों के बाद हाई लेवल कमेटी बनाकर जांच की जाती है।
- जनजागरूकता: यात्रियों को जागरूक किया जाता है कि वे ओवरचार्जिंग की शिकायत करें, लेकिन शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई कम ही होती है।
समाधान क्या हो सकते हैं?
- सुरक्षा और टिकट चेकिंग को और सख्त किया जाए।
- स्टेशन परिसर में दुकानदारों की निगरानी बढ़ाई जाए, ओवरचार्जिंग पर सख्त कार्रवाई हो।
- हर प्लेटफॉर्म और एंट्री प्वाइंट पर CCTV और पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए।
- यात्रियों को जागरूक किया जाए कि वे बिल लें और ओवरचार्जिंग की तुरंत शिकायत करें।
- त्योहारों और स्पेशल ट्रेनों के समय भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त स्टाफ और संसाधन लगाए जाएं।
क्या यह सिर्फ अफवाह है या हकीकत?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था, ओवरचार्जिंग, और सुरक्षा में सेंध की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। हाल के हादसों और यात्रियों के अनुभवों से साफ है कि यहां व्यवस्थाओं में खामियां हैं, जिनका फायदा दुकानदार, चोर और असामाजिक तत्व उठाते हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन हादसों के बाद सुरक्षा बढ़ाने और जांच के दावे करता है, लेकिन रोजमर्रा की समस्याएं बनी हुई हैं।
निष्कर्ष
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश की राजधानी का सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है, लेकिन यहां बार-बार अव्यवस्था, ओवरचार्जिंग, और सुरक्षा में सेंध की घटनाएं सामने आ रही हैं। यात्रियों के अनुभव, हालिया हादसे और मीडिया रिपोर्ट्स से साफ है कि ‘लूट की छूट’ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह हादसों का इंतजार किए बिना, रोजमर्रा की समस्याओं का स्थायी समाधान निकाले और यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दे।
Disclaimer: यह लेख नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई घटनाओं, यात्रियों के अनुभव और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। ‘लूट की छूट’ कोई सरकारी या आधिकारिक शब्द नहीं है, बल्कि यात्रियों द्वारा बार-बार उठाई गई समस्याओं और घटनाओं का प्रतीक है। प्रशासन द्वारा हादसों के बाद सुधार के कदम जरूर उठाए जाते हैं, लेकिन रोजमर्रा की समस्याओं पर अभी भी ध्यान देने की जरूरत है। अतः, NDLS पर लूट की छूट पूरी तरह से अफवाह नहीं है – इसमें काफी हद तक सच्चाई है, लेकिन प्रशासनिक सुधार और सतर्कता से इसे रोका जा सकता है।