भारत में सोना न सिर्फ़ एक कीमती धातु है, बल्कि यह परंपरा, निवेश और सुरक्षा का भी प्रतीक है। शादी-ब्याह, त्योहार या किसी खास मौके पर सोना खरीदना आम बात है। कई लोग अपने घरों में गहनों, सिक्कों या बिस्किट के रूप में सोना रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार ने घर में रखे सोने और उसकी बिक्री को लेकर कई सख्त नियम बनाए हैं?
हाल ही में सरकार ने सोने की शुद्धता और उसकी बिक्री को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिससे घर में रखा बिना हॉलमार्क वाला सोना अब मार्केट में बेचना मुश्किल हो सकता है। जनवरी 2025 से सोने के कारोबार पर सरकार की निगरानी और कड़ी हो जाएगी। अब सोने की खरीद-बिक्री, भंडारण और टैक्सेशन को लेकर नियम और सख्त हो गए हैं।
अगर आप भी अपने घर में सोना रखते हैं या भविष्य में बेचना चाहते हैं, तो इन नए नियमों को जानना आपके लिए जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि घर में रखे इस सोने की मार्केट में बिक्री क्यों नहीं होगी और सरकार के नए गोल्ड रूल्स क्या हैं।
New Gold Rules Update
सरकार ने सोने की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। अब घर में रखा बिना हॉलमार्क (BIS मार्क) वाला सोना न तो आसानी से बेचा जा सकता है और न ही नई ज्वैलरी खरीदते समय एक्सचेंज किया जा सकता है। यानी अगर आपके पास पुराने ज़माने का या बिना हॉलमार्क का सोना है, तो उसे बाजार में बेचने से पहले हॉलमार्किंग सेंटर से प्रमाणित कराना जरूरी है।
सोने के नए नियम
नियम/शर्त | विवरण |
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हॉलमार्किंग अनिवार्यता | बिना BIS हॉलमार्क के सोने की बिक्री या एक्सचेंज संभव नहीं |
हॉलमार्किंग लागू | 14K, 18K, 22K, 23K, 24K सभी कैरेट के लिए जरूरी (2022 से लागू) |
बिक्री से पहले प्रमाणन | पुराने गहनों को बेचने से पहले हॉलमार्किंग सेंटर से प्रमाणित कराना होगा |
घर में रखने की सीमा | विवाहित महिला: 500 ग्राम, अविवाहित महिला: 250 ग्राम, पुरुष: 100 ग्राम |
टैक्स नियम | बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (20%) या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन |
विरासत/तोहफे का सोना | टैक्स फ्री, लेकिन सोर्स का सबूत जरूरी |
आयात/निर्यात पर निगरानी | जनवरी 2025 से सभी सोने पर हॉलमार्किंग अनिवार्य |
सरकार की निगरानी | सोने की खरीद-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास रहेगा |
Gold Rules 2025: क्या बदलने वाला है?
- जनवरी 2025 से सभी प्रकार के सोने पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी। अब सिर्फ़ ज्वैलरी ही नहीं, बल्कि आयातित सोना, बुलियन और किसी भी रूप में खरीदे गए सोने पर BIS हॉलमार्क जरूरी होगा।
- हॉलमार्किंग के बिना सोना बाजार में बेचना या एक्सचेंज कराना संभव नहीं होगा। इससे नकली या मिलावटी सोने की बिक्री पर रोक लगेगी और ग्राहक को शुद्ध सोना ही मिलेगा।
- सरकार को अब हर ज्वैलर या कारोबारी द्वारा खरीदे-बेचे गए सोने का पूरा रिकॉर्ड मिलेगा, जिससे टैक्स चोरी और तस्करी पर भी लगाम लगेगी।
घर में सोना रखने की सीमा और नियम
- विवाहित महिला: 500 ग्राम तक सोना रख सकती हैं।
- अविवाहित महिला: 250 ग्राम सोना रख सकती हैं।
- पुरुष (विवाहित/अविवाहित): 100 ग्राम तक सोना रखने की अनुमति है।
अगर आपके पास इससे ज्यादा सोना है, तो आपको उसका सोर्स (कैसे खरीदा, किसने तोहफा दिया, विरासत में मिला आदि) साबित करना होगा। अगर आप सोर्स नहीं बता पाए तो आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है।
बिना हॉलमार्क वाले सोने की बिक्री कैसे होगी?
- अगर आपके पास बिना हॉलमार्क वाला सोना है, तो उसे सीधे बाजार में बेचना या एक्सचेंज कराना संभव नहीं होगा।
- आपको पहले अपने गहनों को हॉलमार्किंग सेंटर में ले जाकर BIS प्रमाणन कराना होगा।
- हॉलमार्किंग के बाद ही ज्वैलर या दुकान वाला उसे खरीद सकता है या नई ज्वैलरी में एक्सचेंज कर सकता है।
सोना बेचने पर टैक्स के नियम
- अगर आप 3 साल से ज्यादा समय तक सोना रखते हैं और फिर बेचते हैं, तो उससे होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (20%) लगेगा।
- अगर 3 साल से पहले बेचते हैं, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तहत टैक्स लगेगा।
- विरासत में मिले या तोहफे के रूप में मिले सोने पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन उसका सोर्स बताना जरूरी है।
नए Gold Rules से क्या होगा असर?
- नकली या मिलावटी सोने की बिक्री पर रोक लगेगी।
- ग्राहक को शुद्धता की गारंटी मिलेगी।
- सरकार को सोने के कारोबार का पूरा रिकॉर्ड मिलेगा।
- तस्करी और टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी।
- पुराने बिना हॉलमार्क वाले गहनों को बेचने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि पहले हॉलमार्किंग कराना जरूरी होगा।
BIS हॉलमार्किंग के फायदे
- सोने की शुद्धता की गारंटी।
- बाजार में सही दाम मिलना।
- ग्राहक और ज्वैलर दोनों के लिए ट्रांसपेरेंसी।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सोने की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
घर में सोना रखने और बेचने से जुड़े जरूरी टिप्स
- हमेशा BIS हॉलमार्क वाला ही सोना खरीदें।
- गहनों की रसीद और बिल संभालकर रखें।
- घर में रखे सोने की सीमा का पालन करें।
- पुराने गहनों को बेचने से पहले हॉलमार्किंग जरूर कराएं।
- टैक्स नियमों की जानकारी रखें और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट से सलाह लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या बिना हॉलमार्क वाले गहनों को बेच सकते हैं?
नहीं, अब बिना हॉलमार्क वाले गहनों को सीधे बाजार में बेचना या एक्सचेंज कराना संभव नहीं है। पहले हॉलमार्किंग कराना जरूरी है।
Q2. घर में कितना सोना रखा जा सकता है?
विवाहित महिला: 500 ग्राम, अविवाहित महिला: 250 ग्राम, पुरुष: 100 ग्राम तक।
Q3. सोना बेचने पर टैक्स लगेगा?
हां, अगर मुनाफा होता है तो लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
Q4. विरासत में मिले सोने पर टैक्स लगेगा?
नहीं, लेकिन उसका सोर्स बताना जरूरी है।
Q5. अगर सीमा से ज्यादा सोना है तो?
आपको उसका सोर्स (खरीद, तोहफा, विरासत) साबित करना होगा, वरना कार्रवाई हो सकती है।
Q6. हॉलमार्किंग कहां कराएं?
नजदीकी BIS अधिकृत हॉलमार्किंग सेंटर में जाकर गहनों की शुद्धता प्रमाणित करा सकते हैं।
निष्कर्ष:
सरकार के नए गोल्ड रूल्स के तहत अब घर में रखा बिना हॉलमार्क वाला सोना बाजार में बेचना या एक्सचेंज कराना संभव नहीं होगा। हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से नकली सोने की बिक्री पर रोक लगेगी और ग्राहक को शुद्ध सोना मिलेगा। घर में सोना रखने की सीमा और टैक्स नियमों का पालन करना जरूरी है। पुराने गहनों को बेचने से पहले हॉलमार्किंग जरूर कराएं, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।
Disclaimer: यह जानकारी सरकार द्वारा जारी नए गोल्ड रूल्स और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। “घर में रखे इस सोने की मार्केट में नहीं होगी बिक्री” का अर्थ यह नहीं है कि आपका सोना पूरी तरह से बेकार हो जाएगा। आप पुराने या बिना हॉलमार्क वाले गहनों को भी हॉलमार्किंग सेंटर से प्रमाणित कराकर बेच सकते हैं। यह नियम ग्राहकों की सुरक्षा और सोने की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए हैं। अफवाहों से बचें और हमेशा आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें।