TDS में कट गए ₹12,000 extra? अब सिर्फ 4 स्टेप में घर बैठे मिलेगा पूरा रिफंड – Rent पर इतना deduction क्यों हो रहा है, जानिए अभी

किराए पर घर या प्रॉपर्टी लेते समय TDS (टैक्स डिजक्शन ऐट सोर्स) कटौती जरूरी होती है। अगर आपका मासिक किराया ₹50,000 से ज्यादा है, तो किराएदार को TDS काटकर सरकार को जमा करना होता है। 1 अक्टूबर 2024 से TDS की दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है, लेकिन कई लोगों ने गलती से पुरानी दर (5%) पर TDS काट लिया।

ऐसे में, एक्स्ट्रा TDS वापस पाने के लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की प्रक्रिया समझनी होगी। यहाँ हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दे रहे हैं, जिससे आसानी से रिफंड ले सकते हैं।

What is TDS on Rent?

TDS on Rent एक टैक्स कलेक्शन सिस्टम है, जहाँ किराएदार किराए के पैसे से एक निश्चित प्रतिशत काटकर सरकार को जमा करता है। यह इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 194IB के तहत लागू होता है। अगर सालाना किराया ₹2.4 लाख से ज्यादा है, तो TDS काटना जरूरी है। अक्टूबर 2024 से TDS दर 2% है, लेकिन PAN न होने पर 20% TDS कटता है।

ओवरडिडक्टेड TDS वापस पाने की पूरी प्रक्रिया

TDS on Rent Overview

पैरामीटरविवरण
लागू सेक्शन194IB (रिहायशी प्रॉपर्टी), 194I (कमर्शियल प्रॉपर्टी)
TDS दर (अक्टूबर 2024 से)2% (मासिक किराया > ₹50,000)
PAN न होने पर दर20%
TDS जमा करने की अंतिम तिथिअगले महीने की 7 तारीख
रिफंड के लिए पोर्टलTRACES (tdscpc.gov.in)
रिफंड प्रोसेसिंग समय3-6 महीने
जरूरी डॉक्यूमेंटचालान डिटेल्स, बैंक अकाउंट, डिजिटल सिग्नेचर
अधिक रिफंड (>₹50 लाख) केसADC द्वारा अप्रूवल जरूरी

कब होता है TDS ओवरडिडक्शन?

  • दर में बदलाव न समझना: अक्टूबर 2024 से TDS दर 2% है, लेकिन कई लोग 5% काट देते हैं।
  • PAN न होना: लैंडलॉर्ड का PAN न दिए जाने पर 20% TDS कट जाता है, जबकि अगर PAN हो तो 2% ही काटना चाहिए।
  • गलत चालान भरना: TDS जमा करते समय गलत सेक्शन या अमाउंट डालने से ओवरडिडक्शन हो सकता है।

ओवरडिडक्टेड TDS वापस पाने के 8 स्टेप्स

  1. TRACES पर लॉग इन करें: [tdscpc.gov.in] पर जाकर अपना TAN और पासवर्ड डालें।
  2. “Request for Refund” चुनें: “Statement Payment” टैब के अंदर यह ऑप्शन मिलेगा।
  3. चेकलिस्ट पूरी करें: “Proceed” बटन पर क्लिक करके रिफंड चेकलिस्ट सबमिट करें।
  4. सेक्शन कोड सिलेक्ट करें:
    • सेक्शन 195 के लिए “Refund Request for Challan u/s 195” चुनें।
    • अन्य केस में “Other than Sec 195” चुनें।
  5. चालान डिटेल्स भरें: चालान नंबर, टैक्स अमाउंट और साल का सिलेक्शन करें।
  6. बैंक अकाउंट डिटेल्स दर्ज करें: IFSC कोड और अकाउंट नंबर सही डालें।
  7. डिजिटल सिग्नेचर लगाएँ: DSC या EVC के जरिए वेरिफाई करें।
  8. फॉर्म 26B जमा करें: अकाउंलिंग ऑफिसर को 14 दिनों के अंदर अक्नॉलेजमेंट भेजें।

रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें?

  • “Track Refund Request” पर जाएँ: TRACES पोर्टल पर इस ऑप्शन में रिफंड ID डालकर स्टेटस देखें।
  • ITR पोर्टल पर चेक करें: [incometax.gov.in] पर लॉग इन करके “View Filed Returns” में स्टेटस देखें।

अगर लैंडलॉर्ड ने एक्स्ट्रा TDS एडजस्ट करने से मना कर दिया?

  • रिफंड के लिए अप्लाई करें: TRACES पोर्टल पर सीधे रिफंड रिक्वेस्ट भेजें।
  • इंडेम्निटी बॉन्ड जमा करें: कुछ केस में टैक्स डिपार्टमेंट इंडेम्निटी बॉन्ड और बैंक स्टेटमेंट माँग सकता है।

क्या होगा अगर PAN इनऑपरेटिव है?

  • TDS क्रेडिट नहीं मिलेगा: लैंडलॉर्ड को TDS का क्रेडिट नहीं मिलता, अगर PAN इनऑपरेटिव है।
  • 20% TDS कटेगा: PAN न होने पर किराएदार को 20% TDS काटना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या TDS रिफंड के लिए ITR फाइल करना जरूरी है?
हाँ, ITR फाइल करके ही रिफंड क्लेम किया जा सकता है।

Q2. रिफंड कितने दिनों में मिलता है?
सामान्यतः 3-6 महीने, लेकिन डॉक्यूमेंट गलत होने पर डिले हो सकता है।

Q3. क्या बिना TRACES अकाउंट के रिफंड मिल सकता है?
नहीं, TRACES पर रिफंड रिक्वेस्ट भेजना जरूरी है।

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Disclaimer: यह लेख TDS on Rent से जुड़े नियमों और रिफंड प्रक्रिया की सामान्य जानकारी देता है। यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारिक नियमों का विकल्प नहीं है। रिफंड प्रक्रिया 100% रियल और लीगल है, लेकिन हर केस अलग हो सकता है। टैक्स सलाहकार से सलाह लेकर ही कोई कदम उठाएँ।

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